पंचायती राज क्या है?
पंचायती राज भारत सरकार की एक शाखा है जो ग्रामीण स्थानीय स्वशासन की एक प्रणाली है, जिसमें ग्रामीण स्तर पर हर गांव अपनी गतिविधियों के लिए स्वयं जिम्मेदार होता है. यह एक प्रकार का स्थानीय निकाय है जो ग्रामीण के कल्याण के लिए काम करती है। भारत में पंचायती राज व्यवस्था को 73वें संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के द्वारा पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक स्थिति प्रदान की गयी और 2 अक्टूबर 1959 ई. को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरु के द्वारा राजस्थान के नागौर जिले में सर्वप्रथम पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई। भारत में प्रत्येक वर्ष 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाया जाता है।
पंचायती राज संस्थाएं का प्रकार
- ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत
- ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति
- जिला स्तर पर जिला परिषद
पंचायतों का कार्यकाल
पंचायती राज व्यवस्था में पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष का निर्धारण किया गया है। इसे कार्यकाल से पहले भी भंग किया जा सकता है। पंचायत भंग हो जाने पर या कार्यकाल की अवधि पूरे हो जाने पर पुनः 6 महीने के भीतर पंचायत का गठन किया जाएगा।
पंचायती राज से संबंधित विभिन्न समितियां
- बलवंत राय मेहता समिति (1957)
- अशोक मेहता समिति (1977-78)
- जी वी के राय समिति (1985)
- एल एम सिंधवी समिति (1986)
- पी के थुंगन समिति (1988)
बलवंत राय मेहता समिति
भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने बलवंत राय मेहता समिति की अध्यक्षता में एक समिति की नियुक्ति की थी जिसने प्रजातांत्रिक विकेंद्रीकरण के सिद्धांत को लागू करने के लिए सिफारिश की। बलवंत राय मेहता समिति पंचायती राज व्यवस्था में निम्नलिखित सुझाव दिए
बलवंत राय मेहता समिति ने भारत में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सिफारिश की। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद
ग्राम पंचायत का गठन
(a) सरपंच
ग्राम पंचायत का प्रधान सरपंच होता है जिसका निर्वाचन मुखिया की तरह प्रत्यक्ष रूप से होता है। सरपंच का कार्यकाल भी 5 वर्षों का होता है। यदि गांव का सरपंच अक्षमता, कर्तव्यहीन या कदाचार के मामले में 2/3 बहुमत के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पास करके सरकार सरपंच को हटा सकती है।
(b). मुखिया
पंचायत की सभी देखभाल मुखिया करता है इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
(c). पंचायत सेवक
पंचायत सेवक की नियुक्ति राज्य सरकार के द्वारा की जाती है तथा उन्हें राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित वेतन मान भी दिया जाता है। प्रत्येक ग्राम पंचायत का एक कार्यालय होता है जो पंचायत सेवक के अधीन होता है। ग्राम पंचायत की विकास पंचायत सेवक पर निर्भर करती है।
(d). ग्रामरक्षा दल
ग्रामरक्षा दल का गठन ग्राम पंचायत करती है। ग्राम रक्षा दल में गांव की 18 से 30 वर्ष के स्वास्थ्य युवकों की एक दल होती है जो चोरी, डकैती, बाढ़, महामारी, अत्यधिक आकस्मिक घटनाओं के समय यह गांव की रक्षा करते हैं इसका नेता दलपति कहलाता है।
पंचायत समिति
ब्लॉक स्तरीय पंचायत को पंचायत समिति कहा जाता है।बलवंत राय समिति ने प्रखंड स्तर पर गठित निकाय को पंचायत समिति कहां है उन्होंने कहा है कि प्रत्येक प्रखंड में एक पंचायत समिति की स्थापना होगी जिसका नाम उसी प्रखंड के नाम पर रखा जाएगा बलवंत राय मेहता ने पंचायती राज व्यवस्था में प्रखंड स्तर पर भी ग्राम स्वशासन की व्यवस्था की है। पंचायत समिति केे अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत काा मुखिया पंचायत समिति का सदस्य होगा.
पंचायत समिति सदस्य की योग्यता
- वह भारत का नागरिक हो।
- सदस्य की आयु 25 वर्ष हो
- पंचायत समिति सदस्य सरकार के किसी भी लाभ पद पर न हो।
पंचायत समिति का मुख्य विभाग : वित्त, जन कार्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि सामाजिक सुधार, सूचना तकनीक आदि।
जिला परिषद
- जिला स्तर पर पंचायती राज प्रणाली को जिला परिषद कहा जाता है यह जिला ग्रामीण क्षेत्र के प्रशासन को देखरेख करती है यह राज्य सरकार और पंचायत समिति के बीच की कड़ी है।
- प्रत्येक 50,000 जनसंख्या पर एक जिला परिषद का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से होगा।
- जिला परिषद जिले की सभी पंचायत समितियों का प्रमुख होगा।
- जिला परिषद का कार्यकाल भी 5 वर्षों का होगा।
73वें संविधान संशोधन की विशेषताएं
- 73 वा संविधान संशोधन अधिनियम 1992 को लागू हुआ जिसमें विभिन्न प्रकार की विशेषताएं है।
- 73 वा संविधान संशोधन अधिनियम भारतीय संविधान के भाग 9 में जोड़ा गया था
- संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची 73वें संविधान संशोधन के द्वारा जोड़ा गया और पंचायतों में 29 विषय की सूची लाया गया
- इस संविधान संशोधन के द्वारा पंचायत स्तर की सभी सीटों को पंचायत के द्वारा प्रत्यक्ष चुनाव के द्वारा निर्वाचित व्यक्तियों से भरा जाएगा।
पंचायती राज प्रणाली में महिलाओं की भूमिका
पंचायती राज प्रणाली के द्वारा महिलाओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है इसीलिए 73वां संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के द्वारा महिलाओं को चयनात्मक पदों पर आरक्षण प्रदान किया गया।
पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के तरीके
पंचायती राज संस्था भारतीय ग्रामीण समाज का आधार है. उनकी स्थायिता एवं समृद्धि के लिए पंचायती राज संस्थाओं को कर या टैक्स लगाने का कुछ व्यापक अधिकार दिया जाना चाहिए. पंचायती राज संस्थाओं को कर (टैक्स) लगाने के व्यापक अधिकार देने से वे अपने वित्तीय संसाधनों में वृद्धि कर सकती हैं। करों का संग्रह करके, ये संस्थाएँ आपने आर्थिक स्थिति को सुधार सकती हैं.
पंचायती राज संस्था ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर शासन का प्रतीक माना जाता है. यह संस्थाएं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयंसेवी रूप से कार्य करती है और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य करने का निर्णय लेती है. पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण समुदाय की मांग और आवश्यकताओं को समझने और उन्हें पूरा करने के उपाय भी ढूंढते हैं इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायती राज संस्था का अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान है.
पंचायती राज से संबंधित परीक्षाओं में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न
Q. किस राज्य में पंचायती राज व्यवस्था नहीं है
Ans. – भारत के नागालैंड, मेघालय और मिजोरम ऐसे राज्य हैं जहां पंचायती राज व्यवस्था नहीं पाई जाती.
Q. अशोक मेहता समिति में कुल कितने सदस्य थे?
Ans. – अशोक मेहता समिति में कुल 13 सदस्य थे.
Q. भारत में पंचायती राज योजना किस से प्रेरित है?
Ans. – भारत के पंचायती राज्य व्यवस्था पूर्व सोवियत संघ से प्रेरित है.
Q. जनपद पंचायत के सदस्यों का चुनाव होता है?
Ans. – जनपद पंचायत के सदस्यों का चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है.
Q. जनपद पंचायत में सदस्यों की कुल संख्या कितनी होती है?
Ans. – जनपद पंचायतों में न्यूनतम सदस्यों की कुल संख्या 10 या अधिकतम सदस्यों की कुल संख्या 25 होती है.
Q. ग्राम पंचायत का निर्वाचन कैसे होता है?
Ans. – ग्राम पंचायत का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है.
Q. ग्राम पंचायत का गठन कितनी आबादी पर की जाती है?
Ans. – ग्राम पंचायत का गठन 1000 से अधिक आबादी वाले गांव में किया जाता है.
Q. मध्य प्रदेश में पंचायत समिति को किस नाम से जाना जाता है?
Ans. – मध्य प्रदेश में पंचायत समिति को जनपद पंचायत के नाम से जाना जाता है.
Q. किस संविधान संशोधन द्वारा भारत में पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक स्तर प्रदान किया गया है?
Ans. – 73वें संविधान संशोधन के द्वारा
Q. भारत में स्थानीय स्वशासन प्रारंभ किस वायसराय ने किया था?
Ans. – भारत में स्थानीय स्वशासन का प्रारंभ लॉर्ड रिपन ने किया था.
Q. किस समिति ने सर्वप्रथम भारत में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सिफारिश किया था?
Ans. – भारत में सर्वप्रथम त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की सिफारिश बलवंत राय मेहता समिति द्वारा किया गया.
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