झारखंड में विद्युत परियोजना ( Jharkhand Vidyut Pariyojna )
इस आर्टिकल में हम झारखंड के प्रमुख विद्युत परियोजना के बारे में देखने वाले हैं और यह सभी झारखंड के विद्युत परियोजना अत्यधिक इंर्पोटेंट परियोजना है क्योंकि यहां से प्रत्येक एग्जाम में एक या दो प्रश्न पूछे जाते हैं. वर्तमान समय में अभी जितने भी एग्जाम हुए हैं वहां से झारखंड विद्युत परियोजना से रिलेटेड एक या दो प्रश्न पूछे जा चुके हैं और आने वाले एग्जाम में भी यहां से 2 प्रश्न पूछे जा सकते हैं इसलिए विद्यार्थी इन सभी विद्युत परियोजनाओं को एक बार ध्यान से पढ़ें.
झारखंड में आयोजित होने वाले सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में ताप विद्युत परियोजना जल विद्युत परियोजना से संबंधित प्रश्न पूछे जा रहे हैं. इसलिए विद्यार्थी इन विद्युत परियोजनाओं को ध्यान से पढ़ें. अभी देखा जा रहा है झारखंड में जितने भी एग्जाम आयोजित की जा रही है सभी प्रतियोगिता परीक्षा में विद्युत परियोजना से प्रश्न पूछे जा रहे हैं प्रत्येक एग्जाम में यहां से कम से कम एक प्रश्न पूछ ही जा रहे हैं. विद्यार्थी यदि झारखंड के प्रमुख विद्युत परियोजना को ध्यान से अगर पढ़ ले एक्जाम में यहां से प्रश्न एक या दो प्रश्न अवश्य बढ़ जाएगा. क्योंकि विद्युत परियोजना से संबंधित कोई भी टॉप प्रश्न एग्जाम में अभी तक नहीं पूछे गए हैं एग्जाम में जितने भी प्रश्न पूछे गए हैं सभी प्रश्न काफी ही जी एवं सरल भाषा में पूछे जा चुके हैं.
इससे पूर्व में जितने भी झारखंड में प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया जा रहा था उसमें पतरातू ताप विद्युत परियोजना से संबंधित प्रश्न एग्जाम में पूछे जा रहे थे. इस प्रकार से अनुमान लगाया जा सकता है कि एग्जाम में कहां से प्रश्न पूछे जा रहे हैं. अगर विद्यार्थी ताप विद्युत जलविद्युत से संबंधित सभी प्रश्नों को ध्यान से पढ़ ले तो एग्जाम यहां से कम से कम एक प्रश्न भीड़ जाएगा. आने वाले एग्जाम में भी झारखंड की प्रमुख विद्युत परियोजना से संबंधित एक या दो प्रश्न पूछे जाएंगे.
ताप विद्युत परियोजना | जिला | उत्पादन क्षमता |
बोकारो ताप विद्युत परियोजना | बोकारो | 830 मेगावाट |
पतरातू ताप विद्युत परियोजना | रामगढ़ | 840 मेगावाट |
चंद्रपुरा ताप विद्युत परियोजना | बोकारो | 780 मेगावाट |
तेनुघाट ताप विद्युत परियोजना | बोकारो | 420 मेगावाट |
जल विद्युत परियोजना | जिला | नदी |
तिलैया जल विद्युत केंद्र | कोडरमा | बराकर नदी |
कोनार जल विद्युत केंद्र | हजारीबाग या बोकारो | कोनार नदी |
मैथन जल विद्युत केंद्र | धनबाद | बराकर नदी |
स्वर्णरेखा जल विद्युत केंद्र | रांची | स्वर्णरेखा नदी |
अय्यर जल विद्युत केंद्र | दामोदर नदी | |
बाल पहाड़ी जल विद्युत केंद्र | गिरिडीह | बराकर नदी |
पंचेत जल विद्युत केंद्र | धनबाद |
जल विद्युत परियोजना | उत्पादन क्षमता |
तिलैया जल विद्युत केंद्र | 60000 किलोवाट |
कोनार जल विद्युत केंद्र | 40000 किलोवाट |
मैथन जल विद्युत केंद्र | 60000 किलोवाट |
स्वर्णरेखा जल विद्युत केंद्र | 130 मेगावाट |
अय्यर जल विद्युत केंद्र | 45000 किलोवाट |
बाल पहाड़ी जल विद्युत केंद्र | 20000 किलोवाट |
पंचेत जल विद्युत केंद्र | 40000 किलोवाट |
झारखंड एक समृद्ध राज्य है जहां ताप विद्युत एवं जल विद्युत दोनों के द्वारा विद्युत उत्पादन की जाती है लेकिन झारखंड में पूर्ण रूप से विद्युत आपूर्ति ताप विद्युत के द्वारा किया जाता है। झारखंड में विद्युत ऊर्जा का मुख्य स्रोत तापीय विद्युत है इस आर्टिकल में झारखंड विद्युत परियोजनाएं ( Jharkhand Vidyut Pariyojna ) के बारे में डिटेल से चर्चा करेंगे। इसके अलावा भी झारखंड सरकार ने विद्युत आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा को भी बढ़ावा दे रही है।
बोकारो ताप विद्युत परियोजना
बोकारो ताप विद्युत परियोजना का शुभारंभ 1953 में दामोदर घाटी परियोजना के तहत स्थापित किया गया। किया गया। यह कोयला पर आधारित झारखंड का प्रथम ताप विद्युत गृह है। जिसकी उत्पादन क्षमता 830 मेगावाट है।
पतरातू ताप विद्युत परियोजना
पतरातू ताप विद्युत परियोजना को सन् 1973 ई. में रामगढ़ में स्थापित किया गया। पतरातू ताप विद्युत परियोजना के द्वारा 840 मेगावाट विद्युत आपूर्ति की जाती है। पतरातू ताप विद्युत परियोजना के द्वारा झारखंड में सर्वाधिक ताप विद्युत आपूर्ति की जाती है।
चंद्रपुरा ताप विद्युत परियोजना
चंद्रपरा ताप विद्युत परियोजना को बोकारो में स्थापित किया गया है जिसके द्वारा 780 मेगावाट विद्युत आपूर्ति की जाती है।
तेनुघाट ताप विद्युत परियोजन
तेनुघाट ताप विद्युत परियोजना की स्थापना 1990 में बोकारो में की गई। जिसकी उत्पादन क्षमता 420 मेगावाट है झारखंड में कुल ताप विद्युत परियोजना के तहत तेनुघाट ताप विद्युत परियोजना, न्यूनतम बिजली आपूर्ति करने वाला ताप विद्युत गृह है।
तिलैया जल विद्युत केंद्र
तिलैया जल विद्युत केंद्र की स्थापना 1953 में कोडरमा के बराकर नदी पर की गई। यह झारखंड की प्रथम जल विद्युत परियोजना है। जिसकी उत्पादन क्षमता 60000 किलोवाट है।
कोनार जल विद्युत परियोजना
कोनार जल विद्युत परियोजना झारखंड के बोकारो जिला में कोनार नदी पर स्थित है। जिसकी उत्पादन क्षमता 40000 किलोवाट है।
मैथन जल विद्युत केंद्र
मैथन जल विद्युत केंद्र की स्थापना 1957 ई. में धनबाद के बराकर नदी पर की गई। इसकी उत्पादन क्षमता 60000 किलोवाट है।
स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना
स्वर्णरेखा जल विद्युत परियोजना की स्थापना विश्व बैंक की सहायता से 1989 ई. में रांची के स्वर्णरेखा नदी पर की गई। इस परियोजना का निर्माण झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा सरकार द्वारा किया गया। इसकी उत्पादन क्षमता 130 मेगावाट है।
अय्यर जल विद्युत केंद्र
अय्यर जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 45000 किलो वाट है झारखंड के दामोदर नदी पर स्थित है।
बाल पहाड़ी जल विद्युत केंद्र
इसकी उत्पादन क्षमता 30000 किलो वाट है। या झारखंड के गिरिडीह जिला के बराकर नदी पर स्थित है।
पंचेत जल विद्युत केंद्र
पंचेत जल विद्युत केंद्र की उत्पादन क्षमता 40000 किलो वाट है। यह झारखंड के धनबाद जिला में दामोदर नदी पर स्थित है।
इस आर्टिकल में झारखंड में विद्युत परियोजना ( Jharkhand Vidyut Pariyojna ) से संबंधित सभी प्रश्नों को सम्मिलित किया गया है जहां से प्रत्येक एग्जाम में प्रश्न पूछे जाते हैं इन सभी प्रश्न को ध्यान से पढ़ ले.
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FAQs
1. झारखंड में विद्युत ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या है?
2. झारखंड में विद्युत ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत क्या है?
3. पतरातू ताप विद्युत संयंत्र किस देश की तकनीकी सहायता से बनाया गया?
4. कोनार जल विद्युत परियोजना किस जिला में स्थित है?
5. झारखंड का प्रथम ताप विद्युत गृह कौन सी है?
6. पतरातू ताप विद्युत परियोजना के द्वारा कितना मेगावाट विद्युत उत्पादन की जाती है?
7. अय्यर जल विद्युत केंद्र किस नदी पर स्थित है?